नैनीताल रेप केस, मुस्लिमों पर हमला, उस्मान गिरफ्तार, इंसाफ़ की आवाज़, हिंदू मुस्लिम मुद्दा
नैनीताल में एक नाबालिग़ बच्ची के साथ हुए जघन्य अपराध के बाद हालात तनावपूर्ण हो गए हैं। रेप के आरोपी उस्मान को पुलिस ने अपनी गिरफ्त में ले लिया है, लेकिन इसके बावजूद आम मुसलमानों को टार्गेट किया जा रहा है। उनकी दुकानों को तोड़ा गया, उन्हें मारा-पीटा गया, और उनके परिवारों को डराया-धमकाया गया। इस हिंसा का कोई कानूनी या नैतिक आधार नहीं है क्योंकि आरोपी की पहचान स्पष्ट हो चुकी है और पुलिस कार्यवाही भी शुरू हो चुकी है।
इस माहौल में एक महिला ने इंसाफ़ की आवाज़ बुलंद की। जब भीड़ मुस्लिम दुकानदारों को निशाना बना रही थी, तब यह बहन अकेले खड़ी हो गई और भीड़ से सवाल किया कि निर्दोष लोगों को क्यों मारा जा रहा है? उसने भीड़ से पूछा कि क्या पूरे समुदाय को एक व्यक्ति के अपराध की सज़ा दी जाएगी? उसकी यह आवाज़ ना सिर्फ इंसाफ़ की, बल्कि सामाजिक सद्भाव की भी प्रतीक बनी।
इस महिला ने यह भी कहा कि जब एक गाय का रेप हुआ था, तब समाज कहां था? तब किसी ने धर्म की बात क्यों नहीं की? आज जब एक अपराधी की पहचान सामने है और कानून अपना काम कर रहा है, तो लोग हिंदू-मुस्लिम क्यों कर रहे हैं? ऐसे समय में जब देश को एकजुटता की ज़रूरत है, कुछ लोग नफ़रत की आग में घी डाल रहे हैं।
